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भूतिया मेडिकल स्टोर

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यह कहानी एक भूतिया मेडिकल स्टोर की है — कई साल पहले शहर के बीचों-बीच एक मेडिकल स्टोर खुला था। दिन में तो दुकान बिलकुल सामान्य लगती थी, लेकिन जैसे ही रात होती, वहाँ अजीब-अजीब घटनाएँ घटने लगतीं। लोगों का कहना था कि इस दुकान के मालिक की अचानक एक रात मौत हो गई थी। वो अकेले दुकान बंद कर रहा था, तभी उसका हार्ट अटैक से निधन हो गया। कहते हैं कि उसकी आत्मा आज भी वहीं भटकती है, क्योंकि दुकान उसके जीवन का सबसे बड़ा सपना थी। रात में राहगीरों ने कई बार देखा कि मेडिकल स्टोर की लाइट अपने आप जल उठती है। शटर आधा खुला दिखाई देता है और अंदर से दवाइयों की शीशियों के खड़कने की आवाजें आती हैं। कभी-कभी कैश काउंटर अपने आप खुल-बंद होता। एक रात एक युवक, जो देर रात घर लौट रहा था, उसने देखा कि दुकान का शटर थोड़ा खुला है और अंदर से किसी के "मदद करो..." जैसी धीमी आवाज आ रही है। डर के बावजूद उसने अंदर झाँका। उसने देखा कि दुकान के अंदर सफेद कोट पहने एक बूढ़ा आदमी दवाइयाँ सजाते हुए दिखाई दिया। लेकिन जब उसने ज़ोर से " कौन है?" कहा , तो वो आकृति अचानक हवा में विलीन हो गई। उसके...

रहस्यमय भूतिया कैलेंडर

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भूतिया कैलेंडर की डरावनी कहानी 🕯️📅 एक छोटा सा पहाड़ी गांव था—नाम था "घनेरा"। वहां की आबादी कम थी, लेकिन लोग एक-दूसरे के बहुत करीब थे। गांव में एक पुराना स्कूल था जो अब बंद पड़ा था। उसी स्कूल की अलमारी में एक दिन एक बच्चा खेलते हुए एक पुराना कैलेंडर लेकर आया। उस कैलेंडर पर साल लिखा था— 1952 । कैलेंडर अजीब था—हर पन्ना काले रंग का था, तारीखें खून जैसी लाल स्याही से लिखी हुई थीं। बच्चे ने मज़ाक में वह कैलेंडर घर ले लिया। पहली रात जैसे ही वह कैलेंडर घर में आया, घर में अजीब-अजीब घटनाएं होने लगीं। चीजें अपने आप गिरने लगीं, दरवाजे खुद-ब-खुद खुलने लगे, और बच्चे को सपनों में एक बूढ़ा आदमी दिखने लगा जो कहता— "मेरी तारीख मत पलटो..." दूसरी रात बच्चे के परिवार ने सोचा कि यह सब उसका वहम है। लेकिन अगले दिन जब बच्चे ने कैलेंडर की अगली तारीख पलटी, तो उसी दिन गांव के एक बूढ़े आदमी की रहस्यमयी मौत हो गई। गांव में डर फैल गया। तीसरी रात अब हर कोई उस कैलेंडर से डरने लगा। लेकिन बच्चा जिद्दी था। उसने फिर एक तारीख पलटी… और इस बार उसकी मां अचानक बीमार हो गई, और कुछ ही घंटों में...

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भूतिया मेडिकल स्टोर