भूतिया मेडिकल स्टोर

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यह कहानी एक भूतिया मेडिकल स्टोर की है — कई साल पहले शहर के बीचों-बीच एक मेडिकल स्टोर खुला था। दिन में तो दुकान बिलकुल सामान्य लगती थी, लेकिन जैसे ही रात होती, वहाँ अजीब-अजीब घटनाएँ घटने लगतीं। लोगों का कहना था कि इस दुकान के मालिक की अचानक एक रात मौत हो गई थी। वो अकेले दुकान बंद कर रहा था, तभी उसका हार्ट अटैक से निधन हो गया। कहते हैं कि उसकी आत्मा आज भी वहीं भटकती है, क्योंकि दुकान उसके जीवन का सबसे बड़ा सपना थी। रात में राहगीरों ने कई बार देखा कि मेडिकल स्टोर की लाइट अपने आप जल उठती है। शटर आधा खुला दिखाई देता है और अंदर से दवाइयों की शीशियों के खड़कने की आवाजें आती हैं। कभी-कभी कैश काउंटर अपने आप खुल-बंद होता। एक रात एक युवक, जो देर रात घर लौट रहा था, उसने देखा कि दुकान का शटर थोड़ा खुला है और अंदर से किसी के "मदद करो..." जैसी धीमी आवाज आ रही है। डर के बावजूद उसने अंदर झाँका। उसने देखा कि दुकान के अंदर सफेद कोट पहने एक बूढ़ा आदमी दवाइयाँ सजाते हुए दिखाई दिया। लेकिन जब उसने ज़ोर से " कौन है?" कहा , तो वो आकृति अचानक हवा में विलीन हो गई। उसके...

भूतिया रेलवे स्टेशन

भूतिया रेलवे स्टेशन 

यह कहानी उत्तर भारत के एक छोटे से गाँव के पास स्थित एक रेलवे स्टेशन की है, जिसका नाम लोग अब "भूतिया रेलवे स्टेशन" से जानते हैं। असल में इसका असली नाम था "बेगुनकोडर रेलवे स्टेशन", जो झारखंड के पुरुलिया जिले में स्थित है।


कहानी की शुरुआत:

यह स्टेशन 1960 के दशक में खोला गया था। बताया जाता है कि कुछ सालों बाद, स्टेशन मास्टर की बेटी ने एक दिन स्टेशन परिसर में एक रहस्यमयी आकृति को देखा। वह बुरी तरह डर गई और बीमार पड़ गई। कुछ दिनों बाद उसकी मौत हो गई।

इसके बाद स्टेशन पर अजीब घटनाएं होने लगीं

रात के समय ट्रेनें अचानक रुक जातीं।

स्टेशन पर बिना सिर की औरत दिखने लगी।

लाइटें अपने आप बुझ जातीं और अजीब सी आवाजें सुनाई देतीं।


स्टेशन का बंद होना:

इन घटनाओं के बाद लोगों में डर फैल गया। ट्रेन ड्राइवरों और स्टेशन कर्मचारियों ने वहां काम करने से इनकार कर दिया। 1967 में स्टेशन को आधिकारिक रूप से बंद कर दिया गया।


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40 साल बाद फिर से शुरू:

लगभग 42 साल तक बंद रहने के बाद, 2009 में राज्य सरकार और रेलवे के प्रयासों से स्टेशन को फिर से चालू किया गया। हालांकि स्थानीय लोग अब भी मानते हैं कि वहां कुछ "असामान्य" है और रात के समय वहां कोई नहीं रुकता।



भूत या भ्रम?

कुछ लोग कहते हैं कि यह सब अफवाह है और कुछ का मानना है कि वहां सच में कुछ है। लेकिन आज भी, "बेगुनकोडर रेलवे स्टेशन" को भारत के सबसे डरावने रेलवे स्टेशनों में गिना जाता है।







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