भूतिया मेडिकल स्टोर

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यह कहानी एक भूतिया मेडिकल स्टोर की है — कई साल पहले शहर के बीचों-बीच एक मेडिकल स्टोर खुला था। दिन में तो दुकान बिलकुल सामान्य लगती थी, लेकिन जैसे ही रात होती, वहाँ अजीब-अजीब घटनाएँ घटने लगतीं। लोगों का कहना था कि इस दुकान के मालिक की अचानक एक रात मौत हो गई थी। वो अकेले दुकान बंद कर रहा था, तभी उसका हार्ट अटैक से निधन हो गया। कहते हैं कि उसकी आत्मा आज भी वहीं भटकती है, क्योंकि दुकान उसके जीवन का सबसे बड़ा सपना थी। रात में राहगीरों ने कई बार देखा कि मेडिकल स्टोर की लाइट अपने आप जल उठती है। शटर आधा खुला दिखाई देता है और अंदर से दवाइयों की शीशियों के खड़कने की आवाजें आती हैं। कभी-कभी कैश काउंटर अपने आप खुल-बंद होता। एक रात एक युवक, जो देर रात घर लौट रहा था, उसने देखा कि दुकान का शटर थोड़ा खुला है और अंदर से किसी के "मदद करो..." जैसी धीमी आवाज आ रही है। डर के बावजूद उसने अंदर झाँका। उसने देखा कि दुकान के अंदर सफेद कोट पहने एक बूढ़ा आदमी दवाइयाँ सजाते हुए दिखाई दिया। लेकिन जब उसने ज़ोर से " कौन है?" कहा , तो वो आकृति अचानक हवा में विलीन हो गई। उसके...

डरावनी स्कूल की भूतिया कहानी

भूतिया स्कूल की डरावनी कहानी



यह कहानी एक छोटे से गांव के एक पुराने स्कूल की है, जिसका नाम था "सरस्वती विद्यालय"। यह स्कूल गांव से थोड़ा हटकर एक सुनसान जगह पर बना हुआ था। लोग कहते थे कि यहाँ पहले एक अंग्रेज़ों का जेल हुआ करता था, जहाँ बहुत से निर्दोष लोगों को मारा गया था।
स्कूल का माहौल दिन में तो सामान्य रहता था, लेकिन जैसे ही शाम होती, वहाँ अजीब-अजीब आवाज़ें आने लगतीं—जैसे कोई चल रहा हो, हँस रहा हो या ज़ोर से दरवाज़े पटक रहा हो।

एक छात्र की रहस्यमयी मौत

एक दिन, दसवीं कक्षा का एक छात्र राहुल स्कूल में देर तक रुक गया। उसे विज्ञान प्रोजेक्ट पूरा करना था। जब सब लोग चले गए, तो वह अकेले ही लैब में काम कर रहा था। अचानक उसे किसी के कदमों की आवाज़ सुनाई दी।

उसने पीछे मुड़कर देखा, लेकिन वहाँ कोई नहीं था।

फिर एक सफेद साया उसके सामने आया। वह डर से चीख पड़ा और बेहोश हो गया।

अगले दिन उसकी लाश स्कूल की छत पर पड़ी मिली। डॉक्टरों ने कहा कि उसे दिल का दौरा पड़ा था, लेकिन गांव वालों को यकीन था कि उसे उस भूत ने मार दिया।

टीचर की आत्मा

गांव के बूढ़ों ने बताया कि कई साल पहले एक महिला टीचर, माधवी मैम, इसी स्कूल में पढ़ाती थीं। उन्हें बच्चों से बहुत लगाव था, लेकिन स्कूल के प्रधानाचार्य ने उन्हें झूठे आरोपों में फँसा कर निकाल दिया। अपमान से आहत होकर उन्होंने स्कूल के लाइब्रेरी रूम में आत्महत्या कर ली।

कहा जाता है कि उनकी आत्मा आज भी स्कूल में भटकती है और बदला ले रही है।

अंतिम रहस्य

एक रात कुछ बहादुर छात्रों ने स्कूल में रुकने का फैसला किया, सच्चाई जानने के लिए। आधी रात को उन्होंने देखा कि लाइब्रेरी के कमरे से तेज़ रोशनी आ रही थी और एक महिला की चीख सुनाई दी। जब वे पास गए, तो दरवाज़ा अपने आप बंद हो गया। अंदर से एक ही आवाज़ आई:

"मैं अभी भी यहीं हूँ... यह स्कूल मेरा है..."

उसके बाद वे छात्र कभी ठीक नहीं हो पाए।


सीख: 
कभी भी पुरानी जगहों के इतिहास को हल्के में मत लो, और जहाँ आत्माओं की कहानियाँ हों, वहाँ सतर्क रहना ज़रूरी है।


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